रामायण: एक सीरियल जिसके चलते 'लॉकडाउन' हो जाता था पूरा देश
देश में लॉकडाउन के चलते सभी लोग अपने घरों में हैं। 21 दिन की अवधि लोगों को अपने घरों में रहकर ही गुजारनी है। इस दौरान घरों में मनोरंजन का एकमात्र साधन टेलीविजन और इंटरनेट ही बचा है। लोग घरों में बोर न हों इसके लिए सरकार ने रामायण का फिर से टेलीविजन पर प्रसारण का निर्णय लिया है। कल यानी 28 मार्च को एक समय लोकप्रियता के सभी रिकॉर्ड तोड़ने वाले इस टेलीविजन शो का फिर से प्रसारण शुरू हो जाएगा। आइए हम आपको अपने समय के इस सबसे लोकप्रिय सीरियल के फ्लैशबैक में ले चलते हैं।
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प्रकाश जावड़ेकर ने किया ट्वीट
इस बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक ट्वीट के माध्यम से रामायण के फिर से प्रसारण की जानकारी दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि जनता की मांग पर कल शनिवार 28 मार्च से रामायण का प्रसारण पुन: दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू होगा। पहला एपिसोड सुबह 9 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9 बजे प्रसारित होगा।
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बेहद लोकप्रिय था रामायण सीरियल
रामायण सीरीयल का निर्देशन रामानंद सागर ने किया था। ये धर्मग्रंथ रामायण का रूपांतरणा था। इसका प्रसारण 25 जनवरी 1987 को हुआ था। और 31 जुलाई 1988 तक दूरदर्शन पर होता था। इसकी 87 एपिसोड्स का प्रसारण हुआ था। रविवार के दिन सुबह 9:30 बजे इसका प्रसारण किया जाता था। इसकी लोकप्रियता का आलम ये था, इसके प्रसारण के वक्त सड़कों पर लोगों की आवाजाही तक ठप हो जाती थी। जिनके घरों में टेलीविजन होता था, उनके यहां मोहल्ले भर की भीड़ लग जाया करती थी। 35 मिनट की अवधि के एक एपिसोड के प्रसारण के दौरान लोग घरों में ही कैद हो जाते थे। उस समय ये देश का सबसे अधिक देखा जाने वाला सीरीयल बन गया था।
बनाया था ये विश्व कीर्तिमान
रामानंद सागर का रामायण सीरीयल भारत और विश्व का सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम बन गया था। हालांकि उसी रामायण का प्रसारण खत्म होने के बाद शुरू हुआ महाभारत सीरीयल उसके बाद देश का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला सीरीयल बन गया था। इसको बीआर चोपड़ा ने बनाया था, वहीं उनके बेटे रवि चोपड़ा ने इसका निर्देशन किया था। रामायण का कई बार पुन: प्रसारण किया गया। इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जून 2003 तक सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पौराणिक सीरीयल की कैटेगरी में दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि उस दौरान पूरे देश में करीब 10 करोड़ लोग एक साथ इसका प्रसारण देखते थे। जो अपने आप में एक रिकार्ड था।
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टेलीविजन पर फूल चढ़ा देते थे लोग
धार्मिक महत्व के इस सीरीयल को लेकर लोगों में आस्था चरम पर थी। इसके प्रसारण के दौरान पूरा का पूरा परिवार एकजुट हो जाता था। बताया जाता है कि उस दौरान लोग टेलीविजन के सामने हाथ जोड़कर बैठे रहते थे। वहीं कई लोग तो टेलीविजन सेट पर फूल-माला चढ़ा देते थे। इस सीरियल के प्रसारण के दौरान हर घरों से जय श्रीराम के नारे गूंजते रहते थे।
कलाकारों के पांव छू लेते थे लोग
यह सीरियल इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गया था कि इसमें प्रमुख भूमिकाएं निभाने वालें कलाकारों को लोग सही में भगवान का प्रतिरूप मानने लगे थे। इस सीरियल में भगवान श्रीराम की भूमिका अरुण गोविल और सीता की भूमिका दीपिका छिखलिया ने निभाई थी। लोग वास्तविक जीवन में भी इन लोगों से मिलने के दौरान इनके पैर छूते थे। ये कलाकार लोगों को रील और रियल लाइफ का फर्क भी समझाते लेकिन वो नहीं मानते थे। सीरियल का प्रसारण बंद होने के काफी समय बाद तक इन कलाकारों को अपने निजी जीवन के दौरान काफी संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि लोग इनमें टीवी सीरियल वाली छवि ही देखते थे।
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सोमवार से गुरुवार होती थी शूटिंग
रामानंद सागर रामायण के एक एपिसोड की शूटिंग सोमवार से गुरुवार तक करते थे। इसके बाद उसे शुक्रवार को एडिट किया जाता था। जिसके बाद उसे रविवार सुबह ब्रॉडकास्ट के लिए मुंबई भेजा जाता था। इसके कलाकार बताते हैं कि इसके एपिसोड की शूटिंग रात के समय ही होती थी। शूटिंग गुरुग्राम के गांव सिलोखरा में होती थी। बताया जाता है कि यहां देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योग गुरु का आश्रम था। इस सीरियल में वीडियो इफेक्ट भी काफी कमाल के होते थे, जो इसकी जान थे। कलाकारों के तैयार होने में भी घंटों का समय लग जाता था। हनुमान के कलाकार को तो तैयार होने में तीन घंटे का समय लगता था।
रातों रात सुपरस्टार बन गए थे कलाकार
इस लोकप्रिय सीरियल में राम का किरदार अरुण गोविल और सीता का दीपिका छिखलिया ने निभाया था। इस बारे में अरुण गोविल ने कई इंटरव्यू में अपने किरदार के बारे में बताया। उनके अनुसार इस सीरियल में रामायण का किरदार निभाने के लिए उन्होंने कई चीजें छोड़ी दी थीं। उन्हें सिगरेट पीने की आदत थी, जो उन्होंने श्रीराम की भूमिका निभाने के चलते छोड़ दी थी। इस सीरियल के बावजूद अरुण गोविल को इतनी लोकप्रियता फिल्मों में भी नहीं मिली। उन्होंने 'इतनी सी बात' 'श्रद्धांजलि' 'जियो तो ऐसे जियो' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन ये फिल्में दर्शकों को पसंद नहीं आईं। वहीं दीपिका छिखलिया ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि सीता के रोल के लिए करीब 30 से 35 लड़कियों का ऑडिशन हुआ, लेकिन रामानंद सागर ने उन्हें ही चुना।
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