जानें कौन हैं राकेश भदौरिया, वायुसेना चीफ बनाने की क्या रही वजह
वायुसेना के एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया अब देश के नए वायुसेना चीफ होंगे। सरकार ने उनके नाम की घोषणा कर दी है। नए चीफ 30 सितम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ का स्थान लेंगे। देश के नए वायुसेना चीफ एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया इस समय वाइस चीफ ऑफ द एयर स्टाफ हैं। राकेश भदौरिया ही राफेल फाइटर जेट को उड़ाने वाले देश के पहले वायुसेना पायलट हैं। उन्होंने इसी साल इसी वर्ष 12 जुलाई को फ्रांस के मोंटे डे मार्सन एयर बेस से राफेल उड़ाया था।
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भदौरिया नए चीफ के तौर पर देश के ऐसे दूसरे वायुसेना अधिकारी होंगे, जिन्होंने वायुसेना प्रमुख बनाने के लिए सरकार ने एक्सटेंशन दिया है। एयर मार्शल राकेश भदौरिया से पहले एयर मार्शल निर्मल चंद्र सूरी (एनसी सूरी) को 1991 में एक्सटेंशन देकर वायुसेना प्रमुख बनाया था। वह 31 जुलाई 1991 से 31 जुलाई 1993 तक वायुसेना प्रमुख रहे थे। एनसी सूयी ने एयर चीफ मार्शल एसके मेहरा से पदभार ग्रहण किया था। अब राकेश भदौरिया की नियुक्ति की प्रमुख वजह यह भी माना जा रहा है कि अगले माह में राफेल की डिलीवरी भी होने वाली है। उन्होंने राफेल सौदे में अहम भूमिका निभाई थी। वह वार्ता के लिए बतौर डिप्टी चीफ के तौर पर शामिल हुए थे। राकेश भदौरिया को 1 मई 2019 को एयर मार्शल बनाया गया था। कहा जा रहा है कि राकेश भदौरिया 8 अक्टूबर बतौर देश के वायुसेना चीफ के तौर पर ज्वाइन करेंगे। 8 अक्टूबर दो कारणों से महत्वपूर्ण है। दरअसल, उस दिन दशहरा और वायुसेना दिवस दोनों हैं।
इन चीजों से जुड़ा रहा है भदौरिया का नाम
एयर मार्शल भदौरिया का नाम भारत के बहुप्रशिक्षित राफेल के अलावा तेजस और जगुआर से भी जुड़ा हुआ है। वह दक्षिण-पश्चिम सेक्टर में तैनात जगुआर स्क्वाड्रन के कमाडिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं। यही नहीं, वह स्वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस के चीफ टेस्ट पायलट भी रह चुके हैं। तेजस विमान से उड़ान भरकर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 सितंबर 2019 को इतिहास रचा है। यही नहीं राकेश भदौरिया उनके साथ में उड़ान की नियंत्रण के लिए मौजूद थे। वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रहे हैं। यही नहीं भदौरिया मास्को में एयर अटैची के अलावा एनडीए के कमांडेंट भी रह चुके हैं। वह ए श्रेणी के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर की भी भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) से ट्रेनिंग ली है। इसके अलावा बांग्लादेश के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्होंने 15 जून 1980 में वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। उन्हें प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। एयर मार्शल 26 तरह के फाइटर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने में महारथ हासिल है। यही नहीं उन्होंने 4,250 घंटे तक फाइटर विमान और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है।
इन पदों से किया गया सम्मानित
एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया को भारत सरकार से परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, वायु सेवा मेडल और एडीसी से सम्मानित किया जा चुका है। एयर मार्शल इससे पहले वो जगुआर स्क्वाड्रन कमांड, प्रीमियर एयर फोर्स स्टेशन, कमांडिंग अफसर ऑफ फाइट टेस्ट स्क्वाड्रन समेत कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वायुसेना चीफ राकेश सिंह भदौरिया के साथ में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के नाम की चर्चा हुई है। इसमें दक्षिणी वायु कमान की कमान संभाल रहे एयर मार्शल बी सुरेश, पश्चिमी कमान के प्रमुख आर नांबियार, दक्षिण-पश्चिमी कमान के प्रमुख एचएस अरोड़ा और मध्य कमान के प्रमुख एयर मार्शल राजेश कुमार शामिल थे।
भदौरिया के पैतृक गांव में खुशी की लहर
एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया के पिता भी एयरफोर्स में अफसर रहे हैं। उनका पैतृक गांव आगरा से कुछ दूर स्थित कोरथ का बाह गांव है। पिता के सर्विस में होने के कारण उनका जन्म इस गांव में नहीं हुआ है, लेकिन वह अपने व्यस्त जीवन से कुछ पल निकालकर वह अपने गांव भी आते रहे हैं। उनके वायुसेना प्रमुख बनने की खबर मिलते ही गांववासी फूले नहीं समा रहे हैं। एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया की पत्नी का नाम आशा भदौरिया है। उनके एक बेटा और एक बेटी हैं।
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