तस्वीरों में देखिए कैसे सज गया है ऐतिहासिक करतापुर कॉरिडोर
सिखों के आस्था का प्रतीक करतारपुर साहिब को भारत से जोड़ने के लिए करतारपुर कॉरिडोर बनाया गया था, ये कुछ ही दिनों में श्रद्धालुओं के लिए खुलने वाला है। इसका उद्घाटन 9 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने पाकिस्तान के करतारपुर में रावी नदी के किनारे स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे में अपने जीवन के अंतिम 17 साल 5 महीने और नौ दिन यहीं बिताए थे। इसलिए सिख धर्म की इससे धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं। अब इसे श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर खोला जा रहा है।
गुरुद्वारा दरबार साहिब
करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए भारत का पहला आधिकारिक जत्था 12 नवंबर को रवाना होगा। भारत के इस पहले जत्थे में 575 श्रद्धालुओं के नाम हैं। भारत ने यह सूची पाकिस्तान को सौंप दी है।
सबसे पहले पहुंचना होगा डेरा बाबा नानक
करतारपुर साहिब की यात्रा करने के लिए सिखों का कोई वीजा नहीं लगेगा। सबसे पहले डेरा बाबा नानक पहुंचना होगा। यहां पहुंचने के बाद कॉरिडोर के जरिए करतारपुर साहिब तक की यात्रा की जा सकती है।
यातायात की है सारी व्यवस्थाएं
डेरा बाबा नानक सड़क मार्ग से पहुंचा सा सकता है। यहां के लिए पंजाब परिवन निगम की बसें भी उपलब्ध हैं। यहां रेल मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है। डेरा बाबा नानक से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन बटाला और सबसे पास अमृतसर एयरपोर्ट है।
823 एकड़ में फैला है कॉरिडोर
करतारपुर कॉरिडोर 823 एकड़ भूमि में फैला है। इसमें 104 एकड़ भूमि में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब परिसर है। गुरुद्वारा साहिब का मुख्य भवन व उसके आसपास 42 एकड़ की भूमि में निर्माण कार्य किए गए हैं। पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारा साहिब से कुछ ही दूरी पर 26 एकड़ भूमि में खेती शुरू कर दी है। यहां पैदा होने वाली सब्जियां लंगर में प्रयोग की जाएंगी।
बैटरी से चलने वाली बसों का भी इंतजाम
डेरा बाबा नानक से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को 270 मीटर ही पैदल चलना पड़ेगा। पाकिस्तान सरकार ने सीमा से श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब तक पहुंचाने के लिए बैटरी से चलने वाली बसों का इंतजाम किया है।
इको-फ्रेंडली कपड़े रखने की सलाह
दरबार साहिब का प्रांगण साफ-सुथरा रखने के लिए श्रद्धालुओं को अपने साथ इको-फ्रेंडली कपड़े रखने की सलाह दी गई है। श्रद्धालु अपने पास अधिकतम 11000 रुपए और पानी समेत सात किलोग्राम सामग्री रख सकते हैं।
परिसर में एक बड़ा दीवान हॉल
पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के मुख्य भवन के आसपास के क्षेत्र में साढ़े तीन लाख वर्ग गज में संगमरमर बिछाया है। गुरुद्वारा परिसर में एक बड़े दीवान हॉल का निर्माण किया गया है।
उद्घाटन समारोह पर प्रदर्शनी का भी आयोजन
इस दीवान हॉल में नौ नवंबर को उद्घाटन समारोह पर एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें श्री गुरु नानक देव जी के इतिहास के साथ जुड़ी सभी ऐतिहासिक वस्तुओं को दर्शन के लिए रखा जाएगा, ये वस्तुएं पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग के पास हैं।
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