गणेश के ये रूप देखकर आप भी कहेंगे 'गणपति बप्पा अगले बरस तू जल्दी आना'
श्री गणेश एक ऐसा भगवान हैं जिनकी पूजा-अर्चना के बिना कोई भी मांगलिक काम शुरू नहीं होता है। देश और विदेश में कई ऐसे गणेश मंदिर है जिनके लिए ये मान्यता है कि यहां के दर्शन से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस त्योहार में देश भर के अलग-अलग राज्यों में बड़े ही धूमधाम से गणपति बप्पा को घर में लाया जाता है। पूरे 10 दिनों तक गणपति भक्तों के घर में रहते हैं और उसके बाद 10वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है ये कहकर कि गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस जल्दी आना।
इंडोनेशिया में गणपति
इंडोनेशिया के ज्वालामुखी माउंट ब्रोमो के मुहाने पर 700 साल पहले गणेशजी की स्थापना की गई थी।
थाईलैण्ड में विराजित गणपति
थाईलैण्ड में भी विराजित है गणपति की विशालकाय प्रतिमा।
काबुल में गणपति
काबुल, अफगानिस्तान स्थित 5वीं शताब्दी की भगवान गणेश की मूर्ति।
त्रिपुरा के जंगलों में भी बसे हैं गणेशा
त्रिपुरा के जगंलों की बीच शैलचित्रों और मूर्तियों के भंडार 'उनाकोटि' के पत्थरों पर गणेश जी की प्रतिमा भी गनाई गई है।
इंडोनेशिया में गणेश मूर्ति
इंडोनेशिया के प्रम्बानन मंदिर में गणेश की प्राचीन मूर्ति विराजित है।
आयरलैण्ड में गणेशा
आयरलैण्ड में गणेश जी केअलग-अलग वाद्ययंत्र बजाते हुए कई रुपों में प्रतिमाएं बनाई गई हैं, ये देखने में बेहद खूबसूरत हैं।
आंध्र प्रदेश में गणपति
आंध्र प्रदेश के चित्तूर में विघ्नहर्ता कनिपक्कम गणपति मंदिर में मूर्ति का आकार लगातार बढ़ता रहता है।
कर्नाटक में विराजित गणेश
हम्पी के हेमकूट पर्वत की तलहटी पर बसे ससिवेकलु में 8 फुट ऊंची प्राचीन गणेश मूर्ति है।
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