टूटी सियासी दीवारें, लॉकडाउन में पीएम मोदी के साथ खड़ा हुआ पूरा देश
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के एक आह्वान पर सभी दलों ने सियासी दीवारें तोड़ दी हैं। देश की जनता की खातिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र की तरफ से आने वाली हर गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। अब सभी राज्य 14 अप्रैल तक संपूर्ण भारत के लॉकडाउन की घोषणा को जमीन पर उतारने में लगे हुए हैं। पीएम मोदी की इस घोषणा को पूर्णतया पालन कराने में विपक्ष के मुख्यमंत्री भी गंभीरता से जुटे हैं। अपने राज्य में लॉकडाउन सफल कराने के लिए सभी मुख्यमंत्री लगातार निर्देश दे रहे हैं। बता दें कि इस संक्रमण की चपेट में आने वालों की संख्या अब पूरे देश में 649 पहुंच गई है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे कुल 649 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
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कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सक्रिय
लॉकडाउन के दौरान पूरा पंजाब बंद रहे, इसके लिए यहां पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पूरा प्रयास कर रहे हैं। पंजाब में अब तक कुल 31 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए है। इसमें से एक की मौत हो गई है। पंजाब में विदेशों से लोगों के आने की वजह से यहां पर कोरोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। पंजाब सरकार ने हजारों विदेशियों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर रखा है। मरीज न बढ़ें इसके लिए 23 मार्च से पूरे राज्य में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पंजाब सरकार ने जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन, आश्रय और दवाइयां उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। यही नहीं पंजाब में रजिस्टर्ड मजदूरों को सहायता के तौर पर 3000 रुपये दिए जाने का फैसला किया गया है।
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी स्थानीय भाषा में लोगों को संबोधित करके लॉकडाउन का महत्व बता रहे हैं। उन्होंने राज्य में 104 नंबर की हेल्पलाइन शुरू की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बीमारी से निपटने के लिए पहले ही 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन कर दिया था। पीएम मोदी की घोषणा के बाद इससे 14 अप्रैल तक बढ़ाने की तैयारी है। राजस्थान में इस बीमारी से अब तक कुल 38 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से तीन लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। राजस्थान सरकार ने 2000 करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा की है। इसके अलावा सामाजिक पेंशन के 78 लाख लाभार्थियों को 2 महीने की पेंशन एक साथ देने का ऐलान किया। वहीं, लॉकडाउन की वजह से रोजी-रोटी से वंचित होने वाले लोगों को 1000 रुपये दिए जाएंगे।
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ममता दीदी भी सक्रिय
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राज्य में इस महामारी को रोकने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं। राज्य को अगले 14 अप्रैल तक लॉकडाउन रखने के लिए वह अधिकारियों के साथ में बैठक कर रही है। स्थानीय लोगों को लॉकडाउन के बारे में सचेत भी कर रही हैं। राज्य में अब तक कुल 10 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। भविष्य में खतरे की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने कोलकाता के एक अस्पताल को पूरी तरह से आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है, ताकि यहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके। इस अस्पताल में कुल 2200 बेडों की व्यवस्था की गई है।
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महाराष्ट्र सरकार का विशेष ध्यान
महाराष्ट्र इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां अभी तक इसके 122 मामले आ चुके हैं। इस संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए राज्य सरकार ने सम्पूर्ण राज्य में कर्फ्यू लगा रखा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संकट को विश्व युद्ध जैसा बताया है। उन्होंने कहा कि जंग के समय हम सबसे सुरक्षित अपने घर पर होते हैं। इस समय हमारा घर ही सबसे सुरक्षित है। हालांकि, गुरुवार को महाराष्ट्र में सबसे पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए दंपती पूरी तरह ठीक होने के बाद घर लौटने को तैयार हैं। पुणे के रहने वाले दंपती को 9 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
केरल में कोई नहीं रहेगा भूखा
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में दूसरे नंबर पर केरल राज्य है। यहां पर अब तक कोरोना के कुल 118 मामले सामने आ चुके हैं। इस बीमारी को रोकने के लि सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वामदल शासित केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन राज्य में इस बीमारी के प्रकोप को कम करने के लिए लॉकडाउन की प्रक्रिया को अपना रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान कोई भी गरीब भूखा न रहे इसके लिए केरल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में सरकार कम्युनिटी किचन शुरू करने जा रही है। इस किचन के माध्यम से गरीबों को खाना मुहैया कराया जाएगा। इन किचन को स्थानीय प्रशासन चलाएगा। इसके लिए फोन नंबर 1056 पर कॉल की जा सकती है। केरल की सरकार ने बाहर से आए मजदूरों के लिए रुकने की व्यवस्था करने का भी फैसला लिया है। इससे पहले केरल सरकार ने 20 मार्च को राज्य में कोरोना से निपटने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के विशेष वित्तीय पैकेज की घोषणा की।
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लॉकडाउन का पालन करें लोग: राव
तेलगांना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी संपूर्ण लॉकडाउन के एलान पर अमल कराना शुरू कर दिया है। इस बीमारी से निपटने के लिए वह राज्य में किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा दिया है कि अगर लोग नहीं माने तो राज्य में कर्फ्यू या फिर बाहर दिखते ही गोली मारने तक का आदेश जारी करना पड़ेगा। तेलंगाना में बुधवार को कोरोना के तीन नए मरीज मिलने के बाद यहां कुल 39 संक्रमित व्यक्ति मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पुलिस से लॉकडाउन का नियमों का सख्ती से पालन करवाने दिए हैं। राज्य सरकार ने 3520 करोड़ रुपए का विशेष वित्तीय पैकेज देने की घोषणा की है। राज्य में सरकार 8.8 करोड़ बीपीएल परिवारों को सहायता देने की तैयारी है।
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केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से की अपील
देश की राजधानी दिल्ली में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां एक और राजधानी में कोरोना से निपटने के लिए केंद्र के साथ कदमताल कर रहे हैं, तो दूसरी ओर बुधवार को उन्होंने दिल्लीवासियों से संपूर्ण लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है। लॉकडाउन का ऐलान होने से पहले ही केजरीवाल ने कई अहम कदम उठाए हैं। राज्य में उन्होंने हेल्प लाइन नंबर नंबर शुरू किया। इसके अलावा 7000 करोड़ का बजट भी कोरोना से लड़ने के लिए रखा है। दिल्ली में कोई भूखा न रहे इसके लिए होम शेल्टरों में गरीबों के खाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, घर-घर तक सप्लाई पहुंचाने के लिए ई-पास की व्यवस्था की जा रही है।
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झारखंड सरकार भी सक्रिय
राज्य में कोरोना वायरस को रोकने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार ने भी कई कदम उठाएं हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार हालात पर नजर रखते हुए प्रशासन को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 181 शुरू किया गया है। झारखण्ड से बाहर रह रहे झारखण्डवासियों के लिए भी 0651-2282201 फोन नंबर की सुविधा उपलब्ध कराई है। राज्य में गरीबों के लिए राशन व्यवस्था भी का भी एलान किया है। सरकार ने राशन कार्डधारकों को 2 महीने का अग्रिम राशन देने का निर्णय लिया गया है। सरकार की घोषणा करीब 90% परिवारों को लाभ मिलेगा।
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पीएम मोदी भी सुझावों पर कर रहे अमल
कोरोना की वजह से इस समय सभी दलों के बीच में सियासी दीवारें टूट गई हैं। कोरोना से निपटने के लिए सरकार इस समय विपक्ष के नेताओं के सुझावों पर भी अमल कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की सलाह पर इस बीमारी से निपटने के लिए सांसद विकास निधि से फंड देने का आदेश जारी कर दिया है। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की तरफ से दिए गए सुझावों पर भी सरकार अमल करने की सोच रही है। उन्होंने लॉकडाउन में आम जनमानस को होने वाली समस्याओं पर 10 सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ेगी ऐसे में आम लोगों को तत्काल नकदी और राशन मुहैया कराए जाने का सुझाव दिया है। पूर्व वित्तमंत्री ने पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि को 6,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये करना, पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भी इसके दायरे में लाना, मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड मजदूरों के खातों में तत्काल 3,000 रुपये की राशि को ट्रांसफर करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा उन्होंने राशन कार्डधारकों को अगले 21 दिन के भीतर 10 किलो चावल या गेहूं बिल्कुल मुफ्त होम डिलीवरी की जाने से लेकर कंपनी के कर्मचारियों को एक महीने का वेतन दिए जाने सुझाव सरकार को दिया है।
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