...परदेसियों से न अंखियां मिलाना
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से इस समय सभी सहमे हुए हैं। यह बीमारी आगे न बढ़ने पाए इसके लिए प्रशासन गांव-गांव तक लोगों को सजग कर रहा है। अगर कहा जाए कोरोना की वजह से इस समय आम से लेकर खास तक सभी परेशान हैं, तो यह गलत नहीं होगा। लॉकडाउन की वजह से जहां संपन्न लोगों ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है वहीं रोजी-रोटी की तलाश में गांवों से परदेस जाने वाले लोगों की बड़ी खेप अब अपने गांवों की और पलायन कर रही है।
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इन लोगों के गांवों में पहुंचने से अब वहां भी चिंताएं बढ़ गई हैं। जिन गांवों में एक परदेसी के आने पर उसका हाल-चाल जानने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ता था आज उन्हीं गांवों में उनके प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है। अब हर कोई परदेसियों से नजरें मिलाने से परहेज कर रहा है। अब सभी परदेसियों को गांव से दूर स्कूलों और पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन केंद्र में रखा जा रहा है।
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स्कूलों में बने क्वारंटाइन केंद्र
दरअसल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल लेकर मध्य प्रदेश की ग्रामीण आबादी का बड़ा हिस्सा रोजी-रोटी के लिए बड़े शहरों और महानगरों में रहता है। लॉकडाउन के बाद ऐसे लोगों के वापस पहुंचने से गांवों में भी में कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। भारी भीड़ से गुजर कर दिल्ली सहित अन्य राज्यों से गांव आए परदेसियों से लोग दूरी ही बनाएं रखना चाहते हैं। उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसकी रोकथाम को लेकर काफी कड़क दिख रहे हैं। उन्होंने दूसरे राज्यों से लगने वाली सभी सीमाओं को सील करा दिया है। यही नहीं बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन के क्वारंटाइन के बाद ही घर भेजने की बात भी कही गई है। मुख्यमंत्री के आदेश का असर दिखने लगा है। गांवों में सरकारी स्कूलों, ग्राम सचिवालय सहित अन्य जगहों पर क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए हैं।
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21 मार्च के बाद गांव आए लोगों की बनी सूची
अपने घरों को सही तरीके से पहुंच गए मजदूरों की वजह से गांव में संक्रमण का फैल जाए। अब यह खतरा देखते हुए उत्तर प्रदेश में प्रधानों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। गांवों में 21 मार्च के बाद दिल्ली सहित अन्य राज्यों से पहुंचे लोगों की सूची प्रधान और पंचायत सचिव के स्तर से स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तैयार करा रहे हैं। बाहर से आए लोगों की संख्या के हिसाब से ही गांव के सरकारी स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन सहित तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों को क्वारंटाइन केंद्र में तब्दील किया जा रहा है। गांवों से भेजी गई लिस्ट के अनुसार लोगों पर प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की पूरी नजर है। गांवों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यूनिसेफ की टीमें भी मदद में लगी हैं।
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बिहार और पश्चिम बंगाल में यह तैयारी
उत्तर प्रदेश के अलावा पश्चित बंगाल और बिहार में भी बाहर से आने वाले लोगों के लिए खास तैयारी की गई है। बिहार में बाहर से आए मजदूरों को ठहराने से लेकर भोजन की व्यवस्था सीमावर्ती जिलों में की गई है। इसके अलावा मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने गांवों के सरकारी स्कूलों में कैंप बनाए जाने के आदेश दिए है। बिहार में लोगों जांच कराई जा रही है, अगर कोई भी व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उसे अलग रखा जाएगा। पश्चिम बंगाल में लोगों के बीच में सजगता देखने को मिल रही है। यहां पर पश्चिम बंगाल की एक तस्वीर सामने आई है, जहां पर चेन्नई से अपने गांव लौटे लोग घरों से दूर पेड़ों पर रहे हैं। यह तस्वीर पुरुलिया जिले के वांगिडी गांव की है। जहां पर लोगों ने सजगता स्वरूप खुद को अलग कर लिया है।
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