कुछ खास है देश का ये पुल, एक ही पुल पर दौड़ेगी रेल व कार
असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा बोगिबिल ब्रिज बनकर लगभग तैयार हो चुका है। यह करीब 5 किमी लंबा रेल/रोड ब्रिज भारत को नई ताकत देने वाला है। खासकर अरुणाचल सीमा से सटे होने के कारण सामरिक दृष्टि से यह बेहत महत्वपूर्ण है। देश में अपनी तरह का पहला और अनोखा रेल व सड़क पुल जुलाई तक तैयार हो जायेगा। इस पुल की खासियत यह है कि इसी पुल पर रेल भी चलेगी तथा इसी पर कारें, ट्रक भी दौड़ेंगे। इस पुल को चीन के साथ लगती सीमा पर रक्षा साजो सामान के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है।
भारतीय रेल के इस ब्रिज की आधारशिला वर्ष 2002 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी और साल 2007 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किया गया, लेकिन 2007 के बाद इस ब्रिज में यूपीए सरकार ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई और काम ठंडा पड़ गया। पिछले 4-5 सालों से इस ब्रिज ने निर्माण में खासा तेजी आई है। यह पुल असम के डिब्रूगढ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट को जोड़ेगा।
पुल बनाने में किया गया आधुनिक तकनीक का प्रयोग
एशिया के इस दूसरे सबसे बड़े पुल में शीर्ष पर तीन लेन की सड़क है और उसके नीचे दोहरी रेल लाइन है। यह पुल ब्रह्मपुत्र के जलस्तर से 32 मीटर की ऊंचाई पर है। इसे स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले पुल की तर्ज पर बनाया गया है। अधिकारियों के अनुसार सरकार के लिए यह पुल पूर्वोत्तर में विकास का प्रतीक तथा चीनी सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के लिए तेजपुर से आपूर्ति प्राप्त करने के लिए साजोसामान संबंधी मुद्दे को हल करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। पुल के बन जाने से असम के डिब्रूगढ़ जिले ब्रह्मपुत्र के उत्तर की तरफ जाना आसान हो जाएगा, जिसमें अरुणाचल प्रदेश बेहद महत्वपूर्ण है।
अरुणाचल प्रदेश और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के चुनौतीपूर्ण भूगोल को देखते हुए बोगिबिल इस क्षेत्र में रेल लाइन के विकास की नई शुरूआत है। बोगिबिल में ब्रह्मपुत्र नदी की चौड़ाई 10.3 किलोमीटर है। पुल बनाने के लिए यहां तकनीक की सहायता से पहले पुल की चौड़ाई को कम किया गया फिर इस पर लगभग 5 किमी लंबा रेल/रोड ब्रिज बनाया गया है। खास बात यह है कि फिलहाल यहां से 450 किमी दूर गुवाहाटी में ही ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए नदी पर पुल मौजूद हैं, जबकि सड़क पुल भी यहां से करीब 250 किमी दूर है। ऐसे में आम लोगों की सुविधा के अलावा फौजी जरुरतों के लिहाज से यह पुल सेना को बड़ी ताकत देगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फिलहाल यहां से 450 किलीमेटर दूर गुवाहाटी में ही ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए नदी पर पुल मौजूद है। जबकि सड़क पुल भी यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर है। ऐसे भी आम लोगों की सुविधा के अलावा फौजी जरूरतों के लिहाज से यह पुल सेना को बड़ी ताकत देगा।
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