सेना में होगा ढांचागत बदलाव, चीन और पाकिस्तान सीमा पर बनेंगे 5 थियेटर कमांड
अभी हाल में नियुक्ति हुए भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को बड़ी बात कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते खतरे और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए दो से पांच थियेटर कमान होंगी। उन्होंने कहा कि थियेटर कमान पहली बार 2022 तक प्रभाव में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की सीमा को मजबूती देने की तैयारी है। जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत पड़ोसी पाकिस्तान और चीन की सीमा के पास 5 थिएटर कमांड बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए जम्मू-कश्मीर में अलग थिएटर कमांड बनाया जाएगा। इसके अलावा एक कमांड जम्मू में भी बनाए जाने की संभावना है।
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जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा संभालेगा विशेष थियेटर
जम्मू-कश्मीर में आज भी सुरक्षा को लेकर चुनौतियां बनी हुई है। यहां पर ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना ने विशेष खाका तैयार किया है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को एक विशेष थियेटर कमान संभालेगी। उन्होंने कहा कहा कि 114 लड़ाकू विमानों सहित बड़े सैन्य सौदों की क्रमबद्ध तरीके से खरीदारी की नई पहल को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया गया है।
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तीनों सेना से स्थापित कर रहे तालमेल
तीनों सेनाओं के बीच में समन्वय स्थापित करने के लिए 31 दिसंबर को नियुक्त किए गए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष सरकार की नीतियों का सेना में पालन करा रहे हैं। उनकी नियुक्त भविष्य में सुरक्षा को लेकर होने वाली चुनौतियों को प्रभावी तरीके से निपटाने के लिए किया गया है। भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सैन्य कमानों का पुनर्गठन भी होना है।
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2021 तक हो जाएगा यहां का विलय
सीडीएस जनरल विपिन रावत ने बताया कि भारतीय नौसेना की पूर्वी और पश्चिमी कमानों का विलय कर बनने वाली प्रस्तावित पेनिनसुला कमान 2021 के अंत तक आकार ले सकती है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक नौसैनिक कमांडर के तहत तीनों सेनाओं की कमान के पास वायु परिसंपत्तियां होंगी और उसे सेना को भी अच्छा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्रीय सुरक्षा चुनौती की पूरी जिम्मेदारी भी संभालेगा। जनरल विपिन रावत ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को एक कमांडर को देखना होगा और उसे जहाजों की आवाजाही समेत परिचालन संबंधी मामलों के लिए दिल्ली से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
वायु रक्षा कमान मध्य से होगा शुरू
सीडीएस जनरल विपिन रावत ने वायु रक्षा कमान के प्रस्ताव पर कहा कि मध्य तक इसका काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना तथा नौसेना की मिसाइलों जैसी कुछ वायु संपत्तियां इसका हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि सेना को मजबूत बनाने के लिए यहां पर अमेरिका की तर्ज पर प्रशिक्षण का काम होगा। उन्होंने कहा कि देश में अमेरिका के तर्ज पर एक अलग से प्रशिक्षण एवं सैद्धांतिक कमान बनाने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं की साजो-सामान संबंधी जरूरतों का ख्याल रखने के लिए एक अलग कमान होगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि वायु सेना उप प्रमुख के नेतृत्व में एक दल वायु रक्षा कमान स्थापित करने के लिए अध्ययन कर रहा है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक अध्ययन पूरा हो जाएगा। देश में हम जम्मू-कश्मीर के लिए अलग थियेटर कमान बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा का क्षेत्र शामिल होगा। बता दें इस समय देश में सेना, नौसेना और वायु सेना की अलग-अलग कमान हैं।
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