कोरोना की दवा को लेकर इन देशों ने किए हैं दावे, पढ़िए कहां मिली है सफलता
दुनिया मौजूदा हालात में कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा विश्व परेशान है। चीन के बाद इटली और अमेरिका इस खतरनाक वायरस के सबसे बड़े शिकार हो चुके हैं। अमेरिका में तो स्थिति इतनी विस्फोटक है कि वहां अभी तक एक लाख लोगों में कोरोना संक्रमण हो गया है। वहीं भारत की बात करें तो अभी तक सरकार की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार 775 लोगों के संक्रमित होने की सूचना है। वहीं 19 मौत हो चुकी है। दुनियाभर में इस खतरनाक वायरस की दवा और वैक्सीन की खोज में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। आइए जानते है विश्व में कोरोना की दवा को लेकर अभी तक क्या हुआ है।
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भारत के एक डॉक्टर ने किया दावा
कोरोना वायरस की दवा और वैक्सीन बनाने का प्रयास पूरे विश्व में चल रहा है। तमाम देश ऐसा करने वाले वैज्ञानिकों और संस्थाओं को फंड दे रहे हैं। इन्हीं सबके बीच भारत में भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा बेंगलुरु के एक डॉक्टर ने किया है। पेशे से ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ विशाल राव ने सरकार से दावा किया है कि उन्होंने कोरोना वायरस की दवा बना ली है। इस दवा के इस्तेमाल से बीमार व्यक्ति का इम्यून सिस्टम फिर से सही तरीके से काम करना शुरू कर देता है, जिससे कोरोना वायरस इंसान के शरीर में प्रभावी नहीं रह पाता। डॉ विशाल के अनुसार इस दवा को बीमार व्यक्ति के शरीर में डालना होगा। हालांकि अभी उन्होंने कहा है कि ये दवा अपनी शुरुआती स्थिति में है। इस दवा को लेकर सरकार से मदद मांगी गई है।
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इम्यून सिस्टम सुधारने में मदद!
डॉ विशाल राव के अनुसार कोरोना वायरस से लड़ने के लिए साइटोकाइनिज की सहायता से दवा बनाई जा सकती है, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकती है। उन्होंने बताया कि उनके शोध में ये दवा कोरोना वायरस की बीमारी में काफी कारगर साबित हो रही है। कोविड 19 वायरस से संक्रमित व्यक्ति की कोशिकाओं से इंटरफेरॉन नामक तत्व नहीं निकल पाते हैं, इसके चलते उनके शरीर का इम्यून सिस्टम खराब हो जाता है, और कोविड 19 वायरस ज्यादा हावी होता जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ये कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं है और न ही इसके इस्तेमाल से कोरोना वायरस होने का खतरा टलता है। ये केवल ऐसे व्यक्तियों पर कारगर है जिनके शरीर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया है।
थाइलैंड के डॉक्टर ने मरीज को ठीक करने की कही बात
कोरोना वायरस के इलाज को लेकर पूरी दुनिया से तमाम दावे किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक दावा थाईलैंड के एक डॉक्टर ने किया है। यहां के डॉक्टर क्रिएनसाक अतिपॉर्नवानिच ने दावा किया है कि उन्होंने अपनी दवा से कोरोना से संक्रमित 71 साल की बुजुर्ग महिला को ठीक कर दिया। उनका दावा है कि दवा से महिला 48 घंटे में सही हो गई। वहीं 12 घंटे में महिला बिस्तर से उठ गई। क्रिएनसाक ने बताया है कि दो दिन में हिला 90 प्रतिशत तक ठीक हो गई। उन्होंने बताया कि इसको बनाने में एंटी फ्लू ड्रग ओसेल्टामिविर और रिटोनाविर व लोपिनाविर को मिलाकर बनाया गया है। अभी इस दवाई पर वहां की सरकार और परीक्षण कर रही है। थाईलैंड में कोरोना के 20 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से कई ठीक हो चुके हैं।
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डॉनल्ड ट्रम्प ने भी बताई थी दवा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी एक ट्वीट कर कोरोना की दवा को लेकर विश्व के वैज्ञानिकों को जानकारी दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में बताया था HYDROXYCHLOROQUINE और AZITHROMYCIN ड्रग्स को मिलाकर बनी दवा कोरोना वायरस के इलाज में गेम चेंजर साबित हो सकती है। हालांकि इस ट्वीट को लेकर विश्वभर के डॉक्टर्स ने उनकी आलोचना की थी। उनका कहना था कि ये दोनों ड्रग्स बहुत पहले से ही मलेरिया के उपचार में इस्तेमाल होते रहते हैं। इन दोनों को मिलाने से भी कोरोना के इलाज में किसी प्रकार की राहत नहीं मिलती है। वहीं अमेरिका में कोरोना की स्थिति बेहद ही खराब है। वहां एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
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