ये होंगे लखनऊ और नोएडा के पहले पुलिस कमिश्नर, यहां रहे हैं तैनात
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार से यूपी के दो बड़े शहरों में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने की मंजूरी दे दी है। यूपी के दो बड़े शहर में यूपी की राजधानी लखनऊ और आर्थिक नगरी गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में कमिश्नर सिस्टम को लागू कर दिया। प्रदेश में पहली बार इस सिस्टम को लागू किया गया है। हालांकि पूर्व में भी सरकारों ने इस तरफ कदम बढ़ाएं थे, लेकिन आईएएस लॉबी के विरोध करने की वजह से यह सिस्टम लागू नहीं हो पाया। लेकिन आज यूपी सरकार ने इस सिस्टम को लागू कर दिया है। लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में अब पुलिस कमिश्नर होंगे। यहां पर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुजीत पांडेय लखनऊ के और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) आलोक सिंह गौतमबुद्धनगर के पहले कमिश्नर होंगे। आइए आपको बताते कौन हैं आईपीएस आलोक सिंह व सुजीत पांडेय-
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बिहार के रहने वाले सुजीत, पिता रहे आईएएस
लखनऊ के पहले कमिश्नर के रूप में नियुक्ति होने वाले सुजीत कुमार पाण्डेय मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। सुजीत कुमार 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनका जन्म बिहार के पटना में 1 अगस्त 1968 में हुआ था। पिछले वर्ष एक जनवरी 2019 को प्रमोशन पाकर वह एडीजी बने। आईपीएस सुजीत कुमार पांडेय के पिता नरेंद्र कुमार पांडेय बिहार कैडर में आईएएस अफसर रह चुके हैं। लखनऊ के कमिश्नर बनने जा रहे सुजीत कुमार पांडेय सात वर्ष तक सीबीआई में भी तैनात रहे हैं। यूपी के अलावा सुजीत कुमार नंदी ग्राम में हुई हिंसा और मुंबई ब्लास्ट जैसे कई संवेदनशील मामले में जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। यूपी में वह 12 जिलों के कप्तान भी रहे हैं। इसके अलावा वह आईजी एसटीएफ की भी जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। यही नहीं, मौजूदा समय में वह प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन उन्हें यूपी सरकार ने अनुमति नहीं दी। अब उनकी योग्यता को देखते हुए लखनऊ का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया है।
1995 बैच के आईपीएस अफसर हैं आलोक सिंह
इस समय मेरठ जोन में आईजी की जिम्मेदारी संभाल रहे आईपीएस आलोक सिंह अब गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर होंगे। आलोक सिंह का अभी हाल ही में एडीजी रैंक के पद पर प्रमोशन हुआ है। आलोक कुमार सिंह 1995 बैच के आईपीएस अफसर हैं। मूलरूप से अलीगढ़ के रहने वाले आलोक कुमार सिंह का जन्म 24 जनवरी 1967 को हुआ। उन्होंने भौतिकी विज्ञान व गणित विषय से स्नातक किया। हैं। इसके बाद उन्होंने मार्केटिंग व फाइनेंस सेक्टर में एमबीए किया।
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जानें क्या होती है पुलिस आयुक्त प्रणाली
भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 व दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में बड़े-बड़े शहरों में नियुक्त होने वाले पुलिस आयुक्त प्रणाली का जिक्र है। जिन शहरों की आबादी 10 लाख से अधिक है, वहां पर सरकार चाहे तो पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू कर सकती है। इससे सीआरपीसी की मजिस्ट्रियल पॉवर वाली जो कार्रवाई अब तक जिला प्रशासन के अफसरों के पास थी, वह सभी मैजिस्ट्रेटियल पावर पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगी। यानी सीआरपीसी में 107-16, धारा 144, 109, 110, 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अब पुलिस को मिल जाएंगी।
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